अद्भुत सनातन विज्ञान

 दण्डेश्चक्रेश्च दन्तेश्च सरणिभ्रमणादिभिः ।

 शक्तरुत्पादनं किं वा चालनं यन्त्रमुच्यते ।।

Yantrarnavam (14th century AD)

शाफ्ट, पहियों या वेजेस की गति या निरंतर घूर्णन के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रणाली को मशीन कहा जाता है


ये घना निबिडाः अवयवसन्निवेशाः तैः विशिष्टेषु वित्सु । 

द्रव्येषु वर्तमानः स्थितिस्थापकः स्वाश्रयमन्यथा 

कतमवनामितम् यथावत्स्थापयति पूर्ववदृजुः करोति ।

न्यायकन्दली (Nyayakandali)


स्थितप्रत्यास्थता (लोच) एक ऐसा गुण है जिसके कारण पिंड अपने ऊपर लगाए गए विरूपण बल का प्रतिरोध करते हैं। यह गुण उन्हें अपनी मूल अवस्था को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है




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